Sunday 17 June 2012

मेरे पिता


सरल सौम्य शांत स्वभाव ,आशीर्वाद आज भी साथ
सोच समझ करते थे निर्णय ,अरे आपकी अलग थी बात
प्यार दिया, विश्वास दिया था , सुरक्षा का एहसास दिया था
समय चले चाहे विपरीत , करो सामना मन्त्र दिया था
तनाव भी झेले थे भरपूर , पर क्रोध से रहे वो दूर
हम बच्चे थे उनकी जान , 'संयम' था उनकी पहचान
दगा जिंदगी उन्हें दे गयी , डाल बड़ा सा एक व्यवधान
मन की बात आपसे कहते , मन में आप हमेशा रहते
पित्र दिवस यूँ गुज़र ना जाए ,याद किये बिन कोई पल ना जाए —