Sunday 5 May 2013

संघर्ष है ...



संघर्ष है .....
अपने ही विचार से
मूर्छित होती आस से
मरू भूमि में तृषित भटकते पंथी की प्रबल प्यास से
संघर्ष है
हार से जीत की , हार से
भावनाओं के ज्वार से
मन की उच्च छलांग से
स्वप्न उड़ान पर विराम लगाते हर एक व्यवधान स
संघर्ष है
अपने काम -काज से
अपने से और आप से
पांव पसार सम्राट बना है ऐसे भौतिक वाद से
प्राथमिकता की सूची में दायित्व और अधिकार से ..