Friday 15 December 2017

लौह भाई पुरुष सरदार वल्लभ

लौह भाई पुरुष सरदार वल्लभ पटेल को शत -शत नमन 🙏



सरदार वल्लभभाई पटेल ने 1948 में उप-प्रधानमंत्री पद से अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी थी. इस संबंध में 12 जनवरी, 1948 को उन्होंने महात्मा गांधी को पत्र लिखा था. मगर गांधी की मंजूरी नहीं मिलने के कारण वह इस्तीफा नहीं दे सके. सरदार पटेल गांधी युग के उन चंद नेताओं में शामिल थे जो सिर्फ सत्ता सुख भोगने के लिए नहीं बल्कि अपने सिद्धांतों पर अडिग रहते हुए जनसेवा के लिए सरकार में जाते थे. यदि किसी कारणवश वो जनसेवा नहीं कर पाते थे तो उनका पद खुद उन्हें बोझ लगने लगता था.
सही अर्थों में सच्चे देश भक्त और सेवक थे लौह पुरुष पटेल
 

Sunday 10 December 2017

निष्पक्षता

निष्पक्ष चुनाव की दुहाई देते हुएता  समस्त विपक्षी दल EVM का विरोध कर मतपत्र से चुनाव के पक्ष में हैं
कल एक चैनल पर 'मतपत्र' की निष्पक्षता पर मोहर लगाते एक वरिष्ठ पत्रकार को सुना
८० के दशक में चुनाव के बाद एक ट्रक मतपत्रों से भरी पेटियां लेकर चला तो उसी नंबर का एक और ट्रक ठप्पे लगे मतपत्रों की पेटियां लिए खड़ा था जिसने पुराने ट्रक को रिप्लेस किया
उनका कहना था इस बात को सब जानते हैं काफी हल्ला हुआ लेकिन कोई सबूत किसी के पास नहीं था इसलिए कुछ नहीं हुआ
अब इससे ज़्यादा निष्पक्षता भी कहीं हो सकती है भला ?

निद्रा


१-रात्री आगाज़ 
चहकती नींद ने
पाँव पसारा
२-तम हराया 
टिमटिमाती लौ ने
विजयी दीप
३-झुकी पलकें
निंदिया आगमन
चिंतन मुक्त
४-असहनीय
अँधेरे का सन्नाटा
भोर प्रतीक्षा
५-खामोश रात
माँ की लोरी सुरीली
पलकें भारी
६-बंद आँखे
गहरी निद्रा आई
सजे सपने

Monday 20 November 2017

हमारा इतिहास हमारा सम्मान

#BanPadmawatiMovie 
एक -दो दिन से कई पोस्ट पढ़ चुकी हूँ कि 
आज की महिलाओ के मान-सम्मान से दूर लोग इतिहास में अटके हैं 
आज की नारी का सम्मान हो न हो पद्मावती के सम्मान की चिंता है 
मुझे लगता है नारी इतिहास की हो ,आज की हो या भावी सम्मान सभी महिलाओ का आवश्यक और उतना ही महत्वपूर्ण। 
इतिहास का सम्मान भी उतना ही आवश्यक जितना वर्तमान का
इतिहास के प्रति उपेक्षा भाव भी ठीक नहीं ,हमारा इतिहास जड़ें हैं हमारी ,कोई व्यक्तिगत तो कोई राष्ट्रीय ,जड़ विहीन पनपता है क्या कोई ?
और जहां तक बात विरोध की तो भंसाली का इतिहास ही देख लीजिये हर फिल्म में कुछ न कुछ विवादास्पद दिखाता है ,
एक बार फिल्म रिलीज़ हो जाने पर क्या कुछ बदल पायेगा ?
बच्चे वही सच मान बैठते हैं इस लिए आवश्यक है सही तथ्य सही तरीके से सामने आना
हम व्यक्तिगत स्तर पर सोचे और हमारे दादा -दादी पर कोई गलत टिप्पणी करे तो कैसा लगेगा हमें
मुझे लगता है विरोध का तरीका गलत हो सकता है लेकिन बात सही है
चोर है भंसाली के मन में ,
भंसाली ने फिल्म दिखने का वादा किया तो दिखाता क्यों नहीं
आदत बन गयी है उसकी, गलत- सही बनाओ और दिखाओ
किसी मुगल आक्रांता पर फिल्म बना कर क्यों नहीं दिखाता ,?
नहीं दिखा सकता फतवे से डर लगता है

Friday 3 November 2017

खिचड़ी हुई ग्लोबल

दिल्ली में 3 से 5 नवंबर तक वर्ल्ड फू़ड फेस्टिवल ...
अब भारतीय पतीली के साथ-साथ पूरी दुनिया में फैलेगी, भारतीय पारंपरिक खिचड़ी की सौंधी महक 🙂🙂🙂
देसी घी के साथ गर्मागर्म खिचड़ी का स्वाद लगभग हर भारतीय की जुबां पर होगा लेकिन अब जल्दी ही पूरी दुनिया इस स्वाद का लुत्फ उठाने वाली है

'खिचड़ी' अमीर हो या गरीब, हर रसोई की शान है 
किसी थाली में चटनी,पापड़ ,घी ,अचार के साथ तो किसी थाली में बिन अचार ही शोभा बढ़ाती है
लेकिन ये खिचड़ी है 😊 जब पकती है तो बड़े-बड़े चेहरों पर मुस्कान ले आती है
आशा है ये खिचड़ी की सौंधी महक दूर तक जायेगी ,मुंह में पानी ज़रूर ले आएगी