माँ का दुलार सब पर भारी है
भाई , बहन तुझ पर वारी -वारी है
पत्नी के इंतज़ार में भी बेकरारी है
बेटी की मुस्कराहट कितनी प्यारी है
चार रूप है समक्ष आपके
ईश्वर की उत्कृष्ट रचना
लेकिन समाज में दीन-हीन स्थान लिए
इनके पीछे सिर्फ और सिर्फ
नारी है ,नारी है और नारी है
ये रक्त के और भावनात्मक रिश्ते
जुड़े हैं आपके दिल से ,या कोई लाचारी है ?
ज़रा सा ह्रदय में झांके ,संवेदनाएं जगाएं
भावनाओ को मस्तिष्क से ह्रदय में ले आयें
मानसिकता की सीमा बढ़ा कर वैचारिक स्तर पर
स्वस्थ और स्वच्छ समाज हेतु पग बढायें............
भाई , बहन तुझ पर वारी -वारी है
पत्नी के इंतज़ार में भी बेकरारी है
बेटी की मुस्कराहट कितनी प्यारी है
चार रूप है समक्ष आपके
ईश्वर की उत्कृष्ट रचना
लेकिन समाज में दीन-हीन स्थान लिए
इनके पीछे सिर्फ और सिर्फ
नारी है ,नारी है और नारी है
ये रक्त के और भावनात्मक रिश्ते
जुड़े हैं आपके दिल से ,या कोई लाचारी है ?
ज़रा सा ह्रदय में झांके ,संवेदनाएं जगाएं
भावनाओ को मस्तिष्क से ह्रदय में ले आयें
मानसिकता की सीमा बढ़ा कर वैचारिक स्तर पर
स्वस्थ और स्वच्छ समाज हेतु पग बढायें............
बिल्कुल सही कहा ....नारी कुछ भी हो चाहे पर सिर्फ़ देह मात्र ही है और कुछ नही
ReplyDeleteक्या विडंबना है ...........
ReplyDeletejee nari jeevan ki yahi vidambana hai ...
ReplyDeleteक्या किया जाए ........
Deletekash esa ho ,nari jivan teri yehi khani anchal me he doodh or ankho me pani ,likha bhi purush ne or ansu dene vala bhi vhi
ReplyDeleteगीता जी आंसू देता है लेकिन पोंछता नहीं ..........
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