Wednesday, 29 May 2013

हाँ में बांस हूँ













.हाँ में बांस हूँ


बेहद सघन
लम्बी हरी रचना का संगठन
मिटटी को जड़ में जकड
लेता यहीं सांस हूँ
..जाति में घास हूँ
हाँ में बांस हूँ

'हरा सोना' बन
ऑक्सीजन का उत्सर्जन करता हूँ ..
अदभुद क्षमता
विकिरण हरने की रखता हूँ......
प्रदुषण रहित इंधन बन
यहाँ भी कुछ ख़ास हूँ
..हाँ में बांस हूँ

7 comments:


  1. सुन्दर प्रस्तुति है -हाँ मैं बांस हूँ
    अनुभूति : विविधा -2

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  2. बहुत सुन्दर रचना, बधाई.

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    1. आभार डाक्टर शबनम

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  3. Sunder ...Baans ki Bhi Importance hai.....

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