Saturday 2 November 2013

यही तो जिंदगी है

कहीं -------------
टिमटिमाते दीप की लौ की भाँति फडफाड़ाती ,
उदास सूनी आँखों के साथ निराशा की गर्त में डूबकी लगाती

तो कहीं -----------
मुस्कराती , कहकहे लगाती आशा दीप जलाती
कहीं -------------
दिलों में पलते ,आँखों में सजते साकार स्वप्न

कहीं -------------
बिना आवाज़ के टूटते , चूर हुए स्वप्न
हर सुबह एक नयी सोच के साथ शुरू होती है 

हर पल , पग -पग रोज़ नए संघर्ष से दो -चार होती है
लेकिन सब इसे ही पाना चाहते हैं , इसे ही गले लगाते हैं

नहीं ये आसान , बेहद जटिल है ...जटिल , बेहद जटिल है
................हाँ यही तो जिंदगी है ......इसी का नाम जिंदगी है .....
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1 comment:

  1. सच कहा है कठिनाइयों को पार पाना ही तो जीवन है ...

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