१-दहन हो गया बैर-भाव का रात होलिका संग
कई रंग के साथ में ,भंग की तरंग
२-दही-बड़े मिल रहे गले, स्वाद नया बनाए
रंगों के त्योहार को ,आओ मिल मनाएं
३- साथ-साथ में दिख रहे , कई रंग के गुलाल
माथे पर लगते मिटे ,मन के सभी मलाल
४- बिखर रहा है इधर-उधर , सात रंगों का प्यार
पिचकारी की कह रही सतरंगी बौछार
५- -थोडा सा गुलाल यहाँ ,सब के लिए ले आई
सतरंगी त्योहार की ,सब मित्रों को बधाई
६--होली पर हम व्यस्त हैं ,काम -काम और काम
आशीष सभी छोटो को ,बड़ों को प्रणाम .........................
आप सभी मित्रों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं .........
होली जम कर मनाएं और सुरक्षित मनाएं .........
कई रंग के साथ में ,भंग की तरंग
२-दही-बड़े मिल रहे गले, स्वाद नया बनाए
रंगों के त्योहार को ,आओ मिल मनाएं
३- साथ-साथ में दिख रहे , कई रंग के गुलाल
माथे पर लगते मिटे ,मन के सभी मलाल
४- बिखर रहा है इधर-उधर , सात रंगों का प्यार
पिचकारी की कह रही सतरंगी बौछार
५- -थोडा सा गुलाल यहाँ ,सब के लिए ले आई
सतरंगी त्योहार की ,सब मित्रों को बधाई
६--होली पर हम व्यस्त हैं ,काम -काम और काम
आशीष सभी छोटो को ,बड़ों को प्रणाम .........................
आप सभी मित्रों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं .........
होली जम कर मनाएं और सुरक्षित मनाएं .........
waah aruna ji bahut khoob ........... आपको भी होली की हार्दिक शुभकामनाएँ
ReplyDeleteशुक्रिया शशिजी .........आभार आपका .....
Deleteआपको भी होली की हार्दिक शुभकामनायें ......:)
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (18-03-2014) को "होली के रंग चर्चा के संग" (चर्चा मंच-1555) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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रंगों के पर्व होली की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
कामना करता हूँ कि हमेशा हमारे देश में
परस्पर प्रेम और सौहार्द्र बना रहे।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभार आपका शास्त्री जी .....:)
Deleteआप को भी होलिका पर्व पर अनंत शुभकानाएं ......