Monday, 27 January 2014

"ऎ मेरे वतन के लोगों" --स्वर्ण जयंती

देशभक्ति गीत "ऎ मेरे वतन के लोगों" की स्वर्ण जयंती पर आज लता जी भी भावुक हैं ........
उन्होंने ट्विट कर अपनी भावनाए ज़ाहिर की हैं ........
..........27 जनवरी, 1963 को उन्होंने पहली बार गाया था ये गीत .....
...........कविवर 'प्रदीप' के इस एतिहासिक दर्द भरे गीत की प्रासंगिकता भारत ने
एक पल के लिए भी नहीं खोई..........समय-समय पर शहादत होती रही ..........
............लेकिन सिर्फ गीत ही बजता रहा ..........
.........आँख में पानी परिवार के अलावा शायद ही किसी ने भरा हो ............
इस भावुक देश-भक्ति गीत के लिए भारत सदा आभारी रहेगा पूरी टीम का
कविवर प्रदीप जी ,संगीतकार सी रामचंद्रन और मीठी आवाज़ वाली हमारी लता दीदी .........
आपके सामूहिक प्रयास ने भारत के दर्द को संगीत मय बना हर दिल तक पहुंचाया

5 comments:

  1. एक बड़ी अचरज सी बात थी, लता दी मोदी जी बगल में बैठ कर नेहरू जी के आँसू की बात करती समझ में आ रही थी ............. और इस गाने से किसी भी भारतीय की आंखे नम हो सकती है .......... पर उन्होने इन्दिरा, राजीव, संजय सबको याद कर लिया :)

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  2. इस गीत का इतिहास बहुत कुछ कहता है आज भी ...

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  3. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति, आभार आपका।

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  4. सभी मित्रों का सादार आभार :)

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