Sunday 16 March 2014

उपेक्षित कपडे

बारह साल बाद घूरे के दिन भी बदलते हैं और 
आज दिन बदला है उन कपड़ों का जो आज तक आपकी उपेक्षा झेल रहे थे ......
आज दिन है उनके इतराने का ...आज मुबारक बाद उन्हें भी ......

1 comment:

  1. सच कहा है ... होली के दिन ही ये बाहर आ पाते हैं ... बधाई होली की ...

    ReplyDelete

आपके आगमन पर आपका स्वागत है .................
प्रतीक्षा है आपके अमूल्य विचारों की .
कृपया अपनी प्रतिक्रया अवश्य लिखिए