Tuesday, 22 April 2014

धरा बची तो ही बचेंगे ........


धरा बची तो ही बचेंगे
नहीं तो सब ठिकाने लगेंगे ...

अरुणा सक्सेना's photo.

१-जल प्रदूषित , थल प्रदूषित
चहुँ ओर है हवा प्रदूषित
श्वास तोडती धरा हमारी
नील गगन का रंग प्रदूषित

२-पर्यावरण में विष घुला है
प्रकृति में भी घुन लगा है
सात रंग का इंद्र धनुष भी
रंगहीन लगने लगा है
३-वृक्ष अब कटने लगे है
वन्य जीव बेघर हुए हैं
ऊँची-ऊँची इमारतों से
कंक्रीट के वन बने हैं


४-हम सब मिल करें प्रयास 

पेड़ लगाएं आस -पास 
डूब रही नैया को अपनी 


ले आयें 
साहिल के पास 

५-पेड़ क्यों न हम लगाएं 
हरियाली को पुनः जगाएं 
पर्यावरण का संरक्षण कर 
वसुंधरा का क़र्ज़ चुकाएं |
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6 comments:

  1. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन मां सब जानती है - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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    1. धन्यवाद आपका ........और क्षमा अत्यंत देरी के लिए

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  2. पानी और पेड़ से मानव प्यार करने लगे तो यकीनन धरती जी उठेगी...

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    1. धन्यवाद आपका ........और क्षमा अत्यंत देरी के लिए

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  3. बहुत सुन्दर कविता .....

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    1. धन्यवाद आपका ........और क्षमा अत्यंत देरी के लिए

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