Wednesday, 23 April 2014

विश्व पुस्तक दिवस पर बधाई और शुभकामनाएं .

आज विश्व पुस्तक दिवस है. 
यूनेसको ने 1995 में इस दिन को मनाने का निर्णय लिया,

हम तो हमेशा पुस्तकों के बीच रहते थे ,

आज भी पुरानी स्म्रतियां ताजगी लिए हैं ये बात और ....
कि स्कूली कम और मनोरंजक ज़्यादा ...............

बड़ा ही 'सुन्दर संसार' है पुस्तकों का लेकिन समय ने इस संसार से दूरी बना दी है .........उपलब्धता कम हुई .....रुचि कम हुई ...परिणाम स्वरुप कल्पना शक्ति कम हुई ....
समय बड़ा बलवान ...समय को सलाम ....जो कराये कम है .............
अब इतना पाठन नहीं हो पाता लेकिन आज भी पसंद है पुस्तकों की निराली दुनिया .....
विश्व पुस्तक दिवस पर बधाई और शुभकामनाएं ............... 


1 comment:

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