मदन लाल ढींगरा भारत के
महान क्रांति कारियों में से एक थे 1906 में पढ़ाई के लिए लंदन गए और वहां वीरसावरकर के सम्पर्क में आये, देशभक्ति का जुनून भारत में चढ़ चुका था
एक अंग्रेज अफसर कर्ज़न की हत्या के आरोप में उन्हें लन्दन की एक अदालत ने फांसी की सज़ा सुनाई
17 अगस्त 1909 में उन्हें फांसी दे दी गयी
सावरकर उनका शव लेने पहुंचे तो अमानवीयता का परिचय देते हुए अंग्रेजों ने उनका शव देने से मना कर दिया और उन्हें वहीं दफना दिया गया
1976 में भारतीय संगठन देश के लिए मर मिटे उधम सिंह की तलाश में लन्दन पहुंचे तो उन्हें मदन लाल ढींगरा की भी जानकारी मिली और 12 दिसम्बर 1976 को उनकी अस्थियां भारत लायी गयी
1976 में जब उनके अस्थि कलश सड़क मार्ग से हरिद्वार जा रहे थे थे तो रुड़की में मुझे भी उस महान क्रांतिकारी के समक्ष नट मस्तक होने का अवसर मिला
उस समय बहुत छोटी थी मैं लेकिन पिता के साथ पुष्पों से ढके उन कलशों हाथ जोड़ना आज भी स्मरण है
उस समय महत्व नही जाना बस हाथ जोड़ दिए लेकिन आज अपने को भाग्य शाली मानती हूं कि मैं उस क्रांतिकारी की अस्थि कलश यात्रा का भाग थी
भारत पर जान निछावर करने वाले सभी क्रांतिकारियों, बलिदानियों को मेरा शत-शत नमन🙏🙏
जय हिंद
जय भारत
वंदे मा
महान क्रांति कारियों में से एक थे 1906 में पढ़ाई के लिए लंदन गए और वहां वीरसावरकर के सम्पर्क में आये, देशभक्ति का जुनून भारत में चढ़ चुका था
एक अंग्रेज अफसर कर्ज़न की हत्या के आरोप में उन्हें लन्दन की एक अदालत ने फांसी की सज़ा सुनाई
17 अगस्त 1909 में उन्हें फांसी दे दी गयी
सावरकर उनका शव लेने पहुंचे तो अमानवीयता का परिचय देते हुए अंग्रेजों ने उनका शव देने से मना कर दिया और उन्हें वहीं दफना दिया गया
1976 में भारतीय संगठन देश के लिए मर मिटे उधम सिंह की तलाश में लन्दन पहुंचे तो उन्हें मदन लाल ढींगरा की भी जानकारी मिली और 12 दिसम्बर 1976 को उनकी अस्थियां भारत लायी गयी
1976 में जब उनके अस्थि कलश सड़क मार्ग से हरिद्वार जा रहे थे थे तो रुड़की में मुझे भी उस महान क्रांतिकारी के समक्ष नट मस्तक होने का अवसर मिला
उस समय बहुत छोटी थी मैं लेकिन पिता के साथ पुष्पों से ढके उन कलशों हाथ जोड़ना आज भी स्मरण है
उस समय महत्व नही जाना बस हाथ जोड़ दिए लेकिन आज अपने को भाग्य शाली मानती हूं कि मैं उस क्रांतिकारी की अस्थि कलश यात्रा का भाग थी
भारत पर जान निछावर करने वाले सभी क्रांतिकारियों, बलिदानियों को मेरा शत-शत नमन🙏🙏
जय हिंद
जय भारत
वंदे मा
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (20-08-2019) को "सुख की भोर" (चर्चा अंक- 3433) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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अमर सेनानी मदन लाल ढींगरा को नमन।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुन्दर प्रस्तुति
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