Saturday, 27 April 2013

यादें ,व्यथा और सच्चाई


ना चिड़िया का चहचहाना ,ना कांव -कांव काग का ,
अंत हो चला है शहरों में पंछियों के राग का
महानगर तो  इस दौड़ में बहुत आगे हैं ,

बुजर्ग भी भूल गए हैं कि कभी मुर्गे की बांग पर भी जागे हैं 
घडी के अलार्म में बांग कहीं खो गयी है , 
अब तो यही आवाज़ अपनी साथी हो गयी है 
याद है पक्षियों का शाखों पर मंडराना , 
अपनी सुर ताल में गाना ,गुनगुनाना
सांझ होने का एक अदभुत एहसास पाया है ,
कई आकृतियों में  गगन में उड़ता पंछियों का झुण्ड आज भी दिमाग पर छाया है
कलरव करता ,बसेरों की ओर बढ़ता ,
पंछियों का झुण्ड आसमान में होता था 
सूर्य को विदा देता सांझ का आगाज़ ,
बड़ा ही मनोरम होता था
चूल्हे से उठती सुगंध ,नथुनों में समाती थी , 
स्याह परिधान में लपटी रजनी द्वार पर नज़र आती थी 
दिन भर के थके पथिक बाहँ पसार कर स्वागत करते थे ,
निद्रा के आगोश में मीठे  सपने बुनते थे
आज महा नगर जीवन की आपा -धापी में , सुबह शाम भूल गया है ,
सपने की बिसात क्या !! निद्रा से भी विमुख हो गया है 
ये बड़े -बड़े शहर रात भर जागते हैं , 
मशीन बन चुके मनुष्य सड़कों पर भागते हैं
वाहनों  की चिल्ल -पों ने बघिर  कर  दिया है ,
स्वच्छ ,नीले आसमान को भी झुलसा कर स्याह कर दिया है 
तारों भरा थाल केवल स्वप्न बन गया है ,
सर पर धवल चांदनी नहीं काला तम्बू तन गया है
चन्दा मामा भी अब नज़रें चुराते है ,
बच्चों को भी वो अब याद नहीं आते हैं 
याद नहीं कब चैन की नींद आई थी , 
मीठे स्वप्नों की तृप्ति कब मुख पर छाई थी
स्वप्न भी मीठे नहीं, दुखदायी होते हैं , 
सुबह की चिंता में पलक बड़ी मुश्किल से बंद होते हैं 
ना सुकून है दिन में ना रात में आराम , 
जीवन की आपा धापी ने मेरे छीन  लिए सुबह शाम
चक्र है समय का ,परिवर्तन स्रष्टि  का नियम ,
बदलना है साथ इसके रख कर संयम 

9 comments:

  1. Vo saree bate yaad. Deeladi jo gye the bhul bahut achchi lagi sach

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    1. हार्दिक धन्यवाद शान्ति जी

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  2. महा नगर क्या यहाँ छोटे शहरों का भी यही हाल है सब कुछ मशीनी होता जा रहा है

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    1. जी उपासना जी सही कहा आपने ...........

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  3. Aaj ke Yug ka Kadva Sach h es kavita m ...

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  4. sahi he murge ki bang or gay,{ kutte to kher pale huve mil jate he }chidiya kbuter suraj chand ki roshni sab gayab ho gye he simt gye flets me

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  5. जी गीता जी ......सही कहा आपने ..........आभार आपकी टिप्पणी के लिए

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  6. शब्द शब्द अथाह सच्चाई लिए

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