Monday, 22 April 2013

विवादों से दूर ....दो पंक्तियाँ ....


..१----
.मुमताज 'महल' में सोयी 'जहाँ' है ..........
...एक शाह का जहाँ वहां है ..................
२-
..श्वेत 'संग' की एक इमारत
..'संग' त्तराश ने लिखी इबारत ......

३-
जीवन के कुछ लम्हे उदास हैं 
रहते दिल के बहुत पास हैं

No comments:

Post a Comment

आपके आगमन पर आपका स्वागत है .................
प्रतीक्षा है आपके अमूल्य विचारों की .
कृपया अपनी प्रतिक्रया अवश्य लिखिए