मना रहे आज़ादी पर्व ,हम करते हैं वीरों पर गर्व
दूर भगाया था अंग्रजों को ,चूर -चूर कर उनका दर्प
दूर भगाया था अंग्रजों को ,चूर -चूर कर उनका दर्प
खुली हवा में सांस ले रहे ,भाग गए वो रात आधी
वीर शहीदों के प्रयास से ही ,मिली हमें है आज़ादी
बलिदान ना भूल जाएँ हम उन वीर शहीदों के
नत -मस्तक हो जाएँ मिल कर सम्मान में वीरों के
वीर शहीदों के प्रयास से ही ,मिली हमें है आज़ादी
बलिदान ना भूल जाएँ हम उन वीर शहीदों के
नत -मस्तक हो जाएँ मिल कर सम्मान में वीरों के
देश के वीर सपूतों को समर्पित सुंदर रचना
ReplyDeleteउत्कृष्ट प्रस्तुति
बधाई
आग्रह है मेरे ब्लॉग में भी सम्मलित हों
धन्यवाद ज्योति जी .........
Deleteअवश्य आपका ब्लॉग अवश्य ज्वाइन करुँगी ........
वाह !!! क्या बात है,देश के सपूतो समर्पित बहुत सुंदर प्रस्तुति,,,
ReplyDeleteपोस्ट पर आने के लिए शुक्रिया,आप भी मेरे ब्लॉग को फालो करे मुझे हार्दिक खुशी होगी,,,,आभार अरुणा जी,,,,
RECENT POST: गर्मी की छुट्टी जब आये,
धीरेन्द्र जी हार्दिक आभार आप आये और अपने अमूल्य भाव कहे ............में आपके ब्लॉग को फोलो कर चुकी हूँ ..........आपकी अच्छी रचना पढ़ी .....गर्मी की छुट्टियाँ ..........
Deleteदेश प्रेम का जज्बा आज खोता जा रहा है ... ऐसे में आपकी रचना सुहानी फुहार की तरह है ... बहुत उम्दा ...
ReplyDeleteउत्साह वर्धन के लिए हार्दिक आभार दिगंबर जी
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