प्रभलीन तुम्हे लेकर कई बार बड़ा भावुक हो जाती हूँ
शायद जानती हो तुम भी !!
पिछले दिनों तुम्हारी कुछ तस्वीरें देखी मुझे इतनी अच्छी लगी कि रुका ही नहीं गया मुझसे प्रिन्सिज़ ...:)
तुम बहुत अच्छी लग रही हो उनमें ...और ये पंक्तियाँ तुम्हारी शान में ... :)
मेरी राजदुलारी सी हो
सुन्दर गुडिया प्यारी सी हो
शब्द कोष अब रिक्त हो चला
इस जग में तुम न्यारी सी हो ||
मनभावन परिधान पहनती
गरिमा जिसमें एक झलकती
दिल को बड़ा सुकून मिला है
कीचड में एक कमल खिला है ||
मुस्कान तेरे चेहरे पर छाई
जिसने सारी कथा सुनाई
मर्यादा रिश्तों में देखी ,हाव-भाव शालीन
छू गया अंदाज़ तुम्हारा ,सच कहूँ प्रभलीन........
शायद जानती हो तुम भी !!
पिछले दिनों तुम्हारी कुछ तस्वीरें देखी मुझे इतनी अच्छी लगी कि रुका ही नहीं गया मुझसे प्रिन्सिज़ ...:)
तुम बहुत अच्छी लग रही हो उनमें ...और ये पंक्तियाँ तुम्हारी शान में ... :)
मेरी राजदुलारी सी हो
सुन्दर गुडिया प्यारी सी हो
शब्द कोष अब रिक्त हो चला
इस जग में तुम न्यारी सी हो ||
मनभावन परिधान पहनती
गरिमा जिसमें एक झलकती
दिल को बड़ा सुकून मिला है
कीचड में एक कमल खिला है ||
मुस्कान तेरे चेहरे पर छाई
जिसने सारी कथा सुनाई
मर्यादा रिश्तों में देखी ,हाव-भाव शालीन
छू गया अंदाज़ तुम्हारा ,सच कहूँ प्रभलीन........
बेहतरीन अभिव्यक्ति
ReplyDeleteधन्यवाद शान्ति जी
Deleteबहुत सुंदर, क्या कहने
ReplyDeleteअरुणा जी आपकी सोच की मौलिकता प्रभावित करने वाली है।
मीडिया के भीतर की बुराई जाननी है, फिर तो जरूर पढिए ये लेख ।
हमारे दूसरे ब्लाग TV स्टेशन पर। " ABP न्यूज : ये कैसा ब्रेकिंग न्यूज ! "
http://tvstationlive.blogspot.in/2013/06/abp.html
आभार महेंद्र जी
Deleteआपके शब्द प्रेरणात्मक
शब्द कोष अब रिक्त हो चला ....इस जग में तुम न्यारी सी हो ...खूबसूरत भाव अरुणा जी ...काश सब यों ही मान दें तो आनंद और आये
ReplyDeleteभ्रमर ५
सुरेन्द्र जी आभार
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