केदारनाथ मंदिर के भीतर कोई नुकसान नहीं हुआ है।
उत्तराखंड में बाढ़ की सबसे ज्यादा विभीषिका झेलने वाले केदारनाथ में मंदिर गर्भगृह को छोड़कर कुछ नहीं बचा है-------
एक कारण ये भी होगा कि इसका निर्माण वैज्ञानिक आधार पर हुआ होगा ..
भारत सालो पहले से ही तकनीकी क्षेत्र में बेहतर रहा है ..........पहले आज की तरह
भेड -चाल तो थी नहीं ......ना ही खाना-पूरी होती थी .......इमानदारी और निष्ठा से कार्य होता था ... ............बड़े ही नियोजित और सुचारू ढंग से निर्मित रहा होगा ये मंदिर .......
बल्कि जगह -जगह पहाडो पर सालों पुराने हमारे ये मंदिर अपनी विशेष निर्माण विधि से ही आज भी सुरक्षित हैं .............गुफाओं में कंदराओ में जहाँ -तहां मंदिर मिल जाते हैं और हम इनके आस -पास अवैध निर्माण कर इन्हें खोखला कर रहे हैं ..................और भयावह परिणाम भी झेल रहे हैं
भारत सालो पहले से ही तकनीकी क्षेत्र में बेहतर रहा है ..........पहले आज की तरह
भेड -चाल तो थी नहीं ......ना ही खाना-पूरी होती थी .......इमानदारी और निष्ठा से कार्य होता था ... ............बड़े ही नियोजित और सुचारू ढंग से निर्मित रहा होगा ये मंदिर .......
बल्कि जगह -जगह पहाडो पर सालों पुराने हमारे ये मंदिर अपनी विशेष निर्माण विधि से ही आज भी सुरक्षित हैं .............गुफाओं में कंदराओ में जहाँ -तहां मंदिर मिल जाते हैं और हम इनके आस -पास अवैध निर्माण कर इन्हें खोखला कर रहे हैं ..................और भयावह परिणाम भी झेल रहे हैं
बहुत सार्थक प्रस्तुति...
ReplyDelete