1-बार -बार मेघा गरजाए
धरा पुलक -पुलक हुई जाए
2-अंधियारा छाया है दिन में
चमके बिजली दूर गगन में
3-घुमड़ -घुमड़ कर मेघा आये
पिहू पपीहा शोर मचाये
४-पल-पल धरती दरक रही है
बिन पानी के सिसक रही है
५-गुनगुनाती मेघ मल्हार
बरखा रानी खड़ी है द्वार
६-झमझमाझम झम-झम , झम-झम
भीग रहा है हर अंतर मन
७-रिमझिम -रिमझिम बरस रहा है
मन भी संग -संग भीग रहा है
८-ताप सहे हो गए बेहाल
बरखा रानी करे निहाल ....................
धरा पुलक -पुलक हुई जाए
2-अंधियारा छाया है दिन में
चमके बिजली दूर गगन में
3-घुमड़ -घुमड़ कर मेघा आये
पिहू पपीहा शोर मचाये
४-पल-पल धरती दरक रही है
बिन पानी के सिसक रही है
५-गुनगुनाती मेघ मल्हार
बरखा रानी खड़ी है द्वार
६-झमझमाझम झम-झम , झम-झम
भीग रहा है हर अंतर मन
७-रिमझिम -रिमझिम बरस रहा है
मन भी संग -संग भीग रहा है
८-ताप सहे हो गए बेहाल
बरखा रानी करे निहाल ....................