Sunday 2 August 2020

राखी

कुछ हाइकु मेरे भी ........

भाई की याद 
नन्हे धागे के साथ 
दूर देस में 

खिला है मन 
मिले भाई बहन 
बरसों बाद 

जाग उठी हैं 
बचपन की यादें 
द्रवित मन 

याद आये हैं 
बीत गए वो पल 
बिताये यहाँ 

जलता चूल्हा
सिकती सौंधी रोटी 
फैली सुगंध 

हर कौर में 
माँ का था वो दुलार 
आत्मा भी तृप्त 

सजा है थाल  
बहन  भी तैयार 
राखी के साथ 

सजी कलाई 
बहन के स्नेह से 
भाई प्रसन्न 

तू अभिमान 
दिल के उदगार 
बहन कहे 

माथ सजाये 
अक्षत रोली मिल 
गर्वित टीका 

इस धागे में 
बंधा हमारा प्यार 
अभिमान है 

गया श्रावण 
पूर्णिमा आई आज 
राखी के साथ .............................


सभी को राखी पर्व की शुभकामनाएं

मित्रता -'सुंदर भाव'

मित्र ,कोई दूर, कोई बहुत पास 
मित्रता बहुत सुंदर भाव । 
 जीवन के कई कदम ,कई राह , कई पड़ाव 
और एक नही अनेकों मित्र ! 
कुछ अच्छे , कुछ सच्चे , कुछ बहुत ही विशेष ! 
बचपन में कुछ मिले और बिछुड़ गये
 जिनके बस नाम और धुँधली स्मृतियों में 
कुट्टा-अब्बा सहित साथ बिताये पल हैं पास ।
कुछ संजो गये अतीत मे सुनहरी यादें 
जो हैं आज भी साथ 
 वर्तमान में बहुत सारे मित्र, आभासी संसार से लेकर वास्तविकता तक यहीं हैं आस-पास :-) 
समय चक्र घूमते हुये अपने अनुसार 
परिभाषित कर देता है नये कलेवर , नये रंग-रुप में लेकिन मूल भाव तो वही है -
 मित्रता का , दोस्ती का अपनत्व का :-) 
सभी मित्रों को शुभकामनायें