हिंदी भाषी प्रदेश से हूँ
हिंदी को प्यार करने वाले परिवार से हूँ ,हमेशा माता -पिता को अपना खाली समय पुस्तकों के बीच बिताते देखा
हिंदी को प्यार करने वाले परिवार से हूँ ,हमेशा माता -पिता को अपना खाली समय पुस्तकों के बीच बिताते देखा
एक छोटा सा पुस्तकालय भी देखा जो स्थानानुसार एक अलमारी में हमेशा बना रहा .........
जहाँ हम बच्चों के लिए भी हिंदी मासिक, पाक्षिक और अनेक पत्रिकाओं का प्रबंध हमेशा रहा ........
.हिंदी की क्लिष्टता को समझना और सहज भाव से अपनाना सिखाया लोकप्रिय लेखिका 'शिवानी' ने ........
जिनके दर्जनों उपन्यास आज भी हमारी धड़कन बने हैं ...
आज हमारे बीच नहीं हैं ...लेकिन उनकी लेखनी उनकी उपस्थित का सदा आभास देती रहेगी ........
हिंदी के हर शब्द को अपनाना स्वभाव में सम्मिलित रहा है ......
हिंदी भाषी समाचार पत्र की वर्ग पहेली भरना प्रिय शगल रहा .........
.शिक्षा--दीक्षा सरकारी स्कूल में हुई जहाँ एक सहज भाषा बोलते रहे ..
.लेकिन हिंदी माध्यम में कक्षा आठ के बाद हिंदी विषय पढने को नहीं मिला क्यों कि नियमानुसार विज्ञान वर्ग के लिए हिंदी विषय नहीं था
लेकिन कोई असर नहीं हुआ ...............
आज भी हिंदी ही प्राथमिकता है .......
.जिस स्कूल में अध्यापन कर रही हूँ वहां पहले अंग्रेजी पर ही ध्यान दिया जाता था जैसा कि सब जानते हैं हिंदी को गौण बना रखा था .......
.लेकिन में सुविचार हिंदी में लिखने प्रारम्भ किये तो उन्होंने मना करवा दिया .........
.लेकिन में सुविचार हिंदी में लिखने प्रारम्भ किये तो उन्होंने मना करवा दिया .........
मैंने उनसे बात की और कहा जो भी हम श्यामपट पर लिखे वो कम से कम समझ आना चाहिए ........
हम लिख देते हैं कोई ध्यान नहीं देता ........
.कम से कम सप्ताह में तीन दिन हिंदी में भी लिखवाइए ........
उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया ...........
फिर उनकी बेटी ने स्कूल जाना प्रारंभ किया तो उन्हें लगा शायद मेरा कहना सही था ..........
और उन्होंने मेरी बात को मान लिया ...........
हिंदी का लेख भी सुधरवाने पर ध्यान दिया जाने लगा
जब में वहां बोलती थी तो कई अध्यापिका जो हिंदी भाषी नहीं थी कहती आप की हिंदी बहुत अच्छी है ...में मन में सोचती अगर आप उत्तर प्रदेश जाइए तो ऐसी ही अच्छी हिंदी आपको हर मुख से मिलेगी ...........
आज हिंदी दिवस पर मन में ये सब उमड़ आया .............
हिंदी मेरी पहचान है ........
.मेरा अभिमान है .........
भारत की शान है ..........
बस मेरी इस राष्ट्र भाषा को अपमानित ना होना पड़े कहीं .........
इसके सम्मान को बचाए रखना है और नयी पीढ़ी को भी इसकी अहमियत समझानी होगी
आज हिंदी दिवस पर समस्त हिंदी प्रेमियों को अनेक शुभकामनाएं ........
हिंदी को जानिये ................
जय हिंदी ...जय हिन्दुस्तान ............:)))))))))...........
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (16-09-2016) को "शब्द दिन और शब्द" (चर्चा अंक-2467) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'