Sunday 8 March 2020

महिला दिवस

महिला दिवस पर 

आशाओँ के दीप जले हैँ , 
आगे-आगे कदम बढ़ेँ हैँ । 
कहीँ गर्व से ऊँचा मस्तक, 
कहीँ झिड़कियाँ खूब पड़ी हैँ। 
कहीँ आज भी रौँदा जाता,
निर्ममता को पूजा जाता।    
कसौटियाँ हर पल खड़ी है , 
ज़िँदगी भी बहुत बड़ी हैँ। 
चलो आज फिर सर उठायेँ, 
शक्ति अपनी और बढ़ायेँ।
 मन से सबका कर सम्मान, 
अपना हिस्सा भी हम पायेँ।
 कुछ है पाया, बहुत है पाना, 
आगे दूर अभी है जाना।
 समाज है अपनी ज़िम्मेदारी 
आधी अपनी भागीदारी।
 इसे कभी भी भूल न जायेँ, 
मिल हम महिला दिवस मनायेँ।           
सभी सखियोँ को शुभकामनायेँ :-)