Monday 22 July 2019

चंदा मामा दूर नही !!

चंदा मामा दूर नहीं 😊

समस्त भारतीयों के लिए गौरव के पल 💃💃😊😊
चन्द्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण की भारतीय वैज्ञानिकों को बहुत-बहुत बधाई 👏👏👏👏
#Chandrayaan2
#Historicmoments
#ISRO

लॉन्चिंग से 48 दिनों में चांद पर लैंडिंग

अपने दूसरे मिशन मून के साथ भारत अंतरिक्ष में लंबी छलांग लगाने को तैयार ।
 आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 22 जुलाई को दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर चंद्रयान-2 लॉन्च हुआ। 
लॉन्च के 48 दिनों के बाद चंद्रयान-2 चांद की सतह पर उतरेगा। 

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो यानी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) का यह बेहद महत्वाकांक्षी मिशन है।

चांद की सतह के नजदीक पहुंचने के बाद चंद्रयान चांद के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर उतरेगा। लेकिन इस प्रक्रिया में 4 दिन लगेंगे। 



चांद की सतह के नजदीक पहुंचने पर लैंडर (विक्रम) अपनी कक्षा बदलेगा। फिर वह सतह की उस जगह को स्कैन करेगा जहां उसे उतरना है। 
लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और आखिर में चांद की सतह पर उतर जाएगा।

लैंडिंग के बाद लैंडर (विक्रम) का दरवाजा खुलेगा और वह रोवर (प्रज्ञान) को रिलीज करेगा। रोवर के निकलने में करीब 4 घंटे का समय लगेगा। 
फिर यह वैज्ञानिक परीक्षणों के लिए चांद की सतह पर निकल जाएगा। इसके 15 मिनट के अंदर ही इसरो को लैंडिंग की तस्वीरें मिलनी शुरू हो जाएंगी।
चांद की सतह पर पहुंचने के बाद लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) 14 दिनों तक ऐक्टिव रहेंगे। रोवर इस दौरान 1 सेंटीमीटर/सेकंड की गति से चांद की सतह पर चलेगा और उसके तत्वों की स्टडी करेगा व तस्वीरें भेजेगा। 
वह वहां 14 दिनों में कुल 500 मीटर कवर करेगा। दूसरी तरफ, ऑर्बिटर चंद्रमा की कक्षा में 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर उसकी परिक्रमा करता रहेगा। 
ऑर्बिटर वहां 1 साल तक ऐक्टिव रहेगा।

जय जवान जय किसान जय विज्ञान --- जय हिन्द
वन्दे मातरम