Saturday 9 August 2014

स्नेह--सूत्र

स्नेह-सूत्र सज उठा कलाई पर , 
अभिमान बहन को हुआ भाई पर 
बने साक्षी अक्षत रोली , 
घेवर ने मिठास है घोली 
स्मृतियों की आँख मिचौली 
नयन बोलते अश्रू बोली 

गले मिल रहे बहन-भाई 
रक्त-सम्बन्ध ने ली गहराई
हर रिश्ते की आन तू रखना
भाई मेरा मान तू रखना

भावुकता ने भाई को घेरा 
बहन तू सम्मान  है मेरा !
राखी पर्व आ गया भाई
आप सबको बहुत बधाई