Wednesday 23 April 2014

विश्व पुस्तक दिवस पर बधाई और शुभकामनाएं .

आज विश्व पुस्तक दिवस है. 
यूनेसको ने 1995 में इस दिन को मनाने का निर्णय लिया,

हम तो हमेशा पुस्तकों के बीच रहते थे ,

आज भी पुरानी स्म्रतियां ताजगी लिए हैं ये बात और ....
कि स्कूली कम और मनोरंजक ज़्यादा ...............

बड़ा ही 'सुन्दर संसार' है पुस्तकों का लेकिन समय ने इस संसार से दूरी बना दी है .........उपलब्धता कम हुई .....रुचि कम हुई ...परिणाम स्वरुप कल्पना शक्ति कम हुई ....
समय बड़ा बलवान ...समय को सलाम ....जो कराये कम है .............
अब इतना पाठन नहीं हो पाता लेकिन आज भी पसंद है पुस्तकों की निराली दुनिया .....
विश्व पुस्तक दिवस पर बधाई और शुभकामनाएं ............... 


Tuesday 22 April 2014

धरा बची तो ही बचेंगे ........


धरा बची तो ही बचेंगे
नहीं तो सब ठिकाने लगेंगे ...

अरुणा सक्सेना's photo.

१-जल प्रदूषित , थल प्रदूषित
चहुँ ओर है हवा प्रदूषित
श्वास तोडती धरा हमारी
नील गगन का रंग प्रदूषित

२-पर्यावरण में विष घुला है
प्रकृति में भी घुन लगा है
सात रंग का इंद्र धनुष भी
रंगहीन लगने लगा है
३-वृक्ष अब कटने लगे है
वन्य जीव बेघर हुए हैं
ऊँची-ऊँची इमारतों से
कंक्रीट के वन बने हैं


४-हम सब मिल करें प्रयास 

पेड़ लगाएं आस -पास 
डूब रही नैया को अपनी 


ले आयें 
साहिल के पास 

५-पेड़ क्यों न हम लगाएं 
हरियाली को पुनः जगाएं 
पर्यावरण का संरक्षण कर 
वसुंधरा का क़र्ज़ चुकाएं |
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Tuesday 8 April 2014

श्रद्धांजलि-----

मंगल पांडे की चिंगारी भड़की शोला बनकर
कफ़न बाँध चल पड़े दीवाने भगवा वस्त्र पहन कर

भारतीय स्वाधीनता संग्राम के अग्रणी योद्धा मंगल पांडे

जिनके द्वारा शुरू की गई क्रांति की ज्वाला से ईस्ट इंडिया कंपनी की नीव हिल गयी 
और एक छोटी सी चिंगारी ऐसी भड़की कि परिणति अंग्रेज मुक्त भारत के रूप में हुई ..........
उनकी पुण्य तिथि पर राष्ट्र का कोटि-कोटि नमन ..............
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