--जिंदगी में क्या नहीं है ? समझो सब कुछ यहीं- कहीं है धूप -छाँव है , हँसी -ख़ुशी है , सुख है ,दुःख है कुछ नहीं कम , सब कुछ एक साज़ पर बजता एक ही है इसकी सरगम...!!! अपनी अकुलाहट , छटपटाहट सब कुछ इन शब्दों में सहेजने का प्रयास करती हूँ मन को शांत करने का , एक -दूसरे के मन में झाँकने का , अपने ही विचारों को उकेर कर सामने लिखा देखने का एक बहुत सुंदर माध्यम है ........... कई बार शब्द साथ नहीं देते लेकिन अक्सर कुछ न कुछ शब्दों के माध्यम से बाहर आता रहता है ............
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Sunday, 30 March 2014
Sunday, 16 March 2014
उपेक्षित कपडे
बारह साल बाद घूरे के दिन भी बदलते हैं और
आज दिन बदला है उन कपड़ों का जो आज तक आपकी उपेक्षा झेल रहे थे ......
आज दिन है उनके इतराने का ...आज मुबारक बाद उन्हें भी ......
आज दिन बदला है उन कपड़ों का जो आज तक आपकी उपेक्षा झेल रहे थे ......
आज दिन है उनके इतराने का ...आज मुबारक बाद उन्हें भी ......
होली का हुड्दंग
१-दहन हो गया बैर-भाव का रात होलिका संग
कई रंग के साथ में ,भंग की तरंग
२-दही-बड़े मिल रहे गले, स्वाद नया बनाए
रंगों के त्योहार को ,आओ मिल मनाएं
३- साथ-साथ में दिख रहे , कई रंग के गुलाल
माथे पर लगते मिटे ,मन के सभी मलाल
४- बिखर रहा है इधर-उधर , सात रंगों का प्यार
पिचकारी की कह रही सतरंगी बौछार
५- -थोडा सा गुलाल यहाँ ,सब के लिए ले आई
सतरंगी त्योहार की ,सब मित्रों को बधाई
६--होली पर हम व्यस्त हैं ,काम -काम और काम
आशीष सभी छोटो को ,बड़ों को प्रणाम .........................
आप सभी मित्रों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं .........
होली जम कर मनाएं और सुरक्षित मनाएं .........
कई रंग के साथ में ,भंग की तरंग
२-दही-बड़े मिल रहे गले, स्वाद नया बनाए
रंगों के त्योहार को ,आओ मिल मनाएं
३- साथ-साथ में दिख रहे , कई रंग के गुलाल
माथे पर लगते मिटे ,मन के सभी मलाल
४- बिखर रहा है इधर-उधर , सात रंगों का प्यार
पिचकारी की कह रही सतरंगी बौछार
५- -थोडा सा गुलाल यहाँ ,सब के लिए ले आई
सतरंगी त्योहार की ,सब मित्रों को बधाई
६--होली पर हम व्यस्त हैं ,काम -काम और काम
आशीष सभी छोटो को ,बड़ों को प्रणाम .........................
आप सभी मित्रों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं .........
होली जम कर मनाएं और सुरक्षित मनाएं .........
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