Sunday, 30 March 2014

नवसंवत्सर २०७१ की हार्दिक शुभकामनायें

रवि नवल की रश्मियाँ लायी स्नेहिल स्पर्श 
पल-पल हो खुशियों भरा , सफल रहे संघर्ष

Sunday, 16 March 2014

उपेक्षित कपडे

बारह साल बाद घूरे के दिन भी बदलते हैं और 
आज दिन बदला है उन कपड़ों का जो आज तक आपकी उपेक्षा झेल रहे थे ......
आज दिन है उनके इतराने का ...आज मुबारक बाद उन्हें भी ......

होली का हुड्दंग

१-दहन हो गया बैर-भाव का रात होलिका संग 
कई रंग के साथ में ,भंग की तरंग 
२-दही-बड़े मिल रहे गले, स्वाद नया बनाए 
रंगों के त्योहार को ,आओ मिल मनाएं 
३- साथ-साथ में दिख रहे , कई रंग के गुलाल 
माथे पर लगते मिटे ,मन के सभी मलाल 
४- बिखर रहा है इधर-उधर , सात रंगों का प्यार
पिचकारी की कह रही सतरंगी बौछार
५- -थोडा सा गुलाल यहाँ ,सब के लिए ले आई
सतरंगी त्योहार की ,सब मित्रों को बधाई
६--होली पर हम व्यस्त हैं ,काम -काम और काम
आशीष सभी छोटो को ,बड़ों को प्रणाम .........................

आप सभी मित्रों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं .........
होली जम कर मनाएं और सुरक्षित मनाएं .........