स्नेह-सूत्र सज उठा कलाई पर ,
अभिमान बहन को हुआ भाई पर
बने साक्षी अक्षत रोली ,
घेवर ने मिठास है घोली
स्मृतियों की आँख मिचौली
नयन बोलते अश्रू बोली
गले मिल रहे बहन-भाई
रक्त-सम्बन्ध ने ली गहराई
हर रिश्ते की आन तू रखना
भाई मेरा मान तू रखना
भावुकता ने भाई को घेरा
बहन तू सम्मान है मेरा !
राखी पर्व आ गया भाई
आप सबको बहुत बधाई
अभिमान बहन को हुआ भाई पर
बने साक्षी अक्षत रोली ,
घेवर ने मिठास है घोली
स्मृतियों की आँख मिचौली
नयन बोलते अश्रू बोली
गले मिल रहे बहन-भाई
रक्त-सम्बन्ध ने ली गहराई
हर रिश्ते की आन तू रखना
भाई मेरा मान तू रखना
भावुकता ने भाई को घेरा
बहन तू सम्मान है मेरा !
राखी पर्व आ गया भाई
आप सबको बहुत बधाई
सुन्दर रचना !
ReplyDeleteरक्षाबंधन की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ !
सादर !
आपको भी बधाई शिवनाथ जी :)
Deleteरक्षाबंधन की बधाई ...सुन्दर रचना ...
ReplyDeleteधन्यवाद दिगंबर जी :)
Deleteधन्यवाद राजेन्द्र जी .....:)
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