Monday, 26 September 2016

सिंधु जल समझौता

# सिधुजलसंझौता
DNA देखा तो समझ आया कि----
दुनिया का पहला जल समझौता जिसमें विश्व बैंक का हस्तक्षेप !
अगर जल रोकते हैं तो कोई प्रबन्ध नही ,
बाँध बनाना भी चाहे तो 10-15 साल चाहिए |
अब प्रश्न ये कि कश्मीर समस्या हो या सिंधु समझौता
, हर समस्या को सुलझाने के लिये पंचायत का हस्तक्षेप क्यों ?
 इस समस्या को जन्म देने और इसे बेहद जटिल बनाने वाले ही आज 'कुछ करो-कुछ करो' चिल्ला रहे हैं ये और बात है कि 60-65 सालों में भी इस दिशा में कदम उठा कोई बाँध तक नही बना पाये जो आज रोके गए पानी की व्यवस्था कर पाते | ये कोई आज की समस्या तो है नहीं |
खैर अब पानी रोकना तो एकदम शायद सम्भव नही तो निर्णय कुछ सेंध लगाने और पानी पिला-पिला कर मारने का ही लगता है

Wednesday, 14 September 2016

हिंदी दिवस

हिंदी भाषी प्रदेश से हूँ
हिंदी को प्यार करने वाले परिवार से हूँ ,हमेशा माता -पिता को अपना खाली समय पुस्तकों के बीच बिताते देखा
 एक छोटा सा पुस्तकालय भी देखा जो स्थानानुसार एक अलमारी में हमेशा बना रहा .........
जहाँ हम बच्चों के लिए भी हिंदी मासिक, पाक्षिक और अनेक पत्रिकाओं का प्रबंध हमेशा रहा ........
.हिंदी की क्लिष्टता को समझना और सहज भाव से अपनाना सिखाया लोकप्रिय लेखिका 'शिवानी' ने ........
जिनके दर्जनों उपन्यास आज भी हमारी धड़कन बने हैं ...
आज हमारे बीच नहीं हैं ...लेकिन उनकी लेखनी उनकी उपस्थित का सदा आभास देती रहेगी ........
हिंदी के हर शब्द को अपनाना स्वभाव में सम्मिलित रहा है ......
हिंदी भाषी समाचार पत्र की वर्ग पहेली भरना प्रिय शगल रहा .........
.शिक्षा--दीक्षा सरकारी स्कूल में हुई जहाँ एक सहज भाषा बोलते रहे ..
.लेकिन हिंदी माध्यम में कक्षा आठ के बाद हिंदी विषय पढने को नहीं मिला क्यों कि नियमानुसार विज्ञान वर्ग के लिए हिंदी विषय नहीं था 
लेकिन कोई असर नहीं हुआ ...............
आज भी हिंदी ही प्राथमिकता है .......

.जिस स्कूल में अध्यापन कर रही हूँ  वहां पहले अंग्रेजी पर ही ध्यान दिया जाता था जैसा कि सब जानते हैं हिंदी को गौण बना रखा था .......
.लेकिन में सुविचार हिंदी में लिखने प्रारम्भ किये तो उन्होंने मना करवा दिया .........
मैंने उनसे बात की और कहा जो भी हम श्यामपट पर लिखे वो कम से कम समझ आना चाहिए ........
हम लिख देते हैं कोई ध्यान नहीं देता ........
.कम से कम सप्ताह में तीन दिन हिंदी में भी लिखवाइए ........
उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया ...........
फिर उनकी बेटी ने स्कूल जाना प्रारंभ किया तो उन्हें लगा शायद मेरा कहना सही था ..........
और उन्होंने मेरी बात को मान लिया ...........
हिंदी का लेख भी सुधरवाने पर ध्यान दिया जाने लगा

जब में वहां बोलती थी तो कई अध्यापिका जो हिंदी भाषी नहीं थी कहती आप की हिंदी बहुत अच्छी है ...में मन में सोचती अगर आप उत्तर प्रदेश जाइए तो ऐसी ही अच्छी हिंदी आपको हर मुख से मिलेगी ...........
आज हिंदी दिवस पर मन में ये सब उमड़ आया .............
हिंदी मेरी पहचान है ........
.मेरा अभिमान है .........
भारत की शान है ..........
बस मेरी इस राष्ट्र भाषा को अपमानित ना होना पड़े कहीं .........
इसके सम्मान को बचाए रखना है और नयी पीढ़ी को भी इसकी अहमियत समझानी होगी
आज हिंदी दिवस पर समस्त हिंदी प्रेमियों को अनेक शुभकामनाएं ........

हिंदी को जानिये ................
जय हिंदी ...जय हिन्दुस्तान ............:)))))))))...........

Monday, 5 September 2016

आभार

कदम-कदम पर दिया गया अनेकों लोगो का मार्ग दर्शन आज यहां तक ले आया ,माता-पिता के बाद औपचारिक प्राथमिक शिक्षा से लेकर अंतिम औपचारिक शिक्षा तक यात्रा बहुत रोचक ,ज्ञानवर्द्धक और स्मरणीय रही |
नही जानती आज कौन कहाँ हैं ,कैसे हैं लेकिन इस यात्रा में हर पड़ाव पर समस्त सहयोगियों ,मार्गदर्शकों का हार्दिक अआभार ,सभी को सादर नमन |
गुरु उत्सव की सभी को हार्दिक बधाई