#यादेंशरदपूर्णिमा#चन्द्रमा#अमृत#
बचपन जैसी न चांदनी ,न चन्द्रमा ,न वो खुला सा आँगन और न ही शरद का अनुभव :)शरद कम ग्रीष्म ज़्यादा :)
स्मृति की गर्त हटाती हूँ तो दूध वाली बड़ी सी डोलची में मम्मी की बनाई स्वादिष्ट खीर जाली से ढकी है और आँगन में कपड़े सुखाने वाले तार पर बन्धी है ,सर्द अहसास है वहीं चटाई बिछा शॉल ओढ़े हम सब विराजमान हैं :)
हंसी मज़ाक ,हल्ला-गुल्ला
इस सबके बीच हाथ में धागा और सुई !!
चांदनी के धवल प्रकाश में सुई में धागा डालना है जिससे आँखों की रोशनी तेज़ हो सके | ये प्रक्रिया बार-बार दोहरानी है और फिर ये क्या !! यहां तो प्रतिस्पर्धा शुरू हो गयी 'मेने 30 बार तूने 20 बार 2-3 घण्टे इसी तरह बीत गए ,आँखें बोझिल हो चलीं आलस आने लगा तो चलो खीर अंदर रखे चटाई उठाये और चले निद्रा देवी के आगोश में :) सुबह स्वादिष्ट अमृतमयी खीर का प्रसाद वितरण होगा |
ये थी शरद पूर्णिमा की मधुर स्मृति :-D
सभी मित्रों को शरद पूर्णिमा की गुनगुनी शुभकामनाएं |
बचपन जैसी न चांदनी ,न चन्द्रमा ,न वो खुला सा आँगन और न ही शरद का अनुभव :)शरद कम ग्रीष्म ज़्यादा :)
स्मृति की गर्त हटाती हूँ तो दूध वाली बड़ी सी डोलची में मम्मी की बनाई स्वादिष्ट खीर जाली से ढकी है और आँगन में कपड़े सुखाने वाले तार पर बन्धी है ,सर्द अहसास है वहीं चटाई बिछा शॉल ओढ़े हम सब विराजमान हैं :)
हंसी मज़ाक ,हल्ला-गुल्ला
इस सबके बीच हाथ में धागा और सुई !!
चांदनी के धवल प्रकाश में सुई में धागा डालना है जिससे आँखों की रोशनी तेज़ हो सके | ये प्रक्रिया बार-बार दोहरानी है और फिर ये क्या !! यहां तो प्रतिस्पर्धा शुरू हो गयी 'मेने 30 बार तूने 20 बार 2-3 घण्टे इसी तरह बीत गए ,आँखें बोझिल हो चलीं आलस आने लगा तो चलो खीर अंदर रखे चटाई उठाये और चले निद्रा देवी के आगोश में :) सुबह स्वादिष्ट अमृतमयी खीर का प्रसाद वितरण होगा |
ये थी शरद पूर्णिमा की मधुर स्मृति :-D
सभी मित्रों को शरद पूर्णिमा की गुनगुनी शुभकामनाएं |
waah , ham sab ka bachpan kitna saman tha...bahut achhi madhur yaaden..
ReplyDeleteji upasna ji
Deleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि- आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल शनिवार (22-10-2016) के चर्चा मंच "जीने का अन्दाज" {चर्चा अंक- 2503} पर भी होगी!
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'