लौह भाई पुरुष सरदार वल्लभ पटेल को शत -शत नमन 🙏
सरदार वल्लभभाई पटेल ने 1948 में उप-प्रधानमंत्री पद से अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी थी. इस संबंध में 12 जनवरी, 1948 को उन्होंने महात्मा गांधी को पत्र लिखा था. मगर गांधी की मंजूरी नहीं मिलने के कारण वह इस्तीफा नहीं दे सके. सरदार पटेल गांधी युग के उन चंद नेताओं में शामिल थे जो सिर्फ सत्ता सुख भोगने के लिए नहीं बल्कि अपने सिद्धांतों पर अडिग रहते हुए जनसेवा के लिए सरकार में जाते थे. यदि किसी कारणवश वो जनसेवा नहीं कर पाते थे तो उनका पद खुद उन्हें बोझ लगने लगता था.
सही अर्थों में सच्चे देश भक्त और सेवक थे लौह पुरुष पटेल
सरदार वल्लभभाई पटेल ने 1948 में उप-प्रधानमंत्री पद से अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी थी. इस संबंध में 12 जनवरी, 1948 को उन्होंने महात्मा गांधी को पत्र लिखा था. मगर गांधी की मंजूरी नहीं मिलने के कारण वह इस्तीफा नहीं दे सके. सरदार पटेल गांधी युग के उन चंद नेताओं में शामिल थे जो सिर्फ सत्ता सुख भोगने के लिए नहीं बल्कि अपने सिद्धांतों पर अडिग रहते हुए जनसेवा के लिए सरकार में जाते थे. यदि किसी कारणवश वो जनसेवा नहीं कर पाते थे तो उनका पद खुद उन्हें बोझ लगने लगता था.
सही अर्थों में सच्चे देश भक्त और सेवक थे लौह पुरुष पटेल
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (17-12-2017) को
ReplyDelete"लाचार हुआ सारा समाज" (चर्चा अंक-2820)
पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'