जय श्री राम।
आप सबको बधाई हो 👏👏
प्राथमिक चरण प्रारम्भ हो चुका है
वर्षों बाद समय आया भी तो भक्त लाचार हैं सिर्फ सुनने और दूरदर्शन के लिए
जैसी प्रभु इच्छा 🙏🙏 परंतु
रामलला और राम भक्तों के लिए भावुक प्रतीक्षित समय है
27 साल 3 माह 20 दिन बाद टेंट से मंदिर पहुंचे रामलला।
बुधवार को ब्रह्म मूहूर्त में करीब 4 बजे श्रीराम जन्मभूमि परिसर में स्थित गर्भगृह में रामलला को स्नान और पूजा-अर्चना के बाद अस्थायी मंदिर में स्थापित दिया गया।
के नए मंदिर में रामलला को विराजमान करने के लिए अयोध्या के राजघराने की तरफ से चांदी का सिंहासन भेंट किया गया है। साढ़े नौ किलो का यह सिंहासन जयपुर से बनवाया गया है।
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जिस आकर्षक सिंहासन पर श्रीरामलला विराजमान हुए हैं, उसके पिछले हिस्से पर सूर्य देव की आकृति और दो मोर बने हैं। अब तक मूल गर्भगृह के अस्थायी मंडप में रामलला लकड़ी के सिंहासन पर विराजमान थे।
अयोध्या राजघराने के राजा विमलेंद्र मोहन मिश्र स्वयं यह सिंहासन लेकर अयोध्या से आए थे।
मंत्रोच्चार के साथ रामलला को उनके तीनों भाइयों और सालिगराम के विग्रह के साथ अस्थायी नए आसन पर स्थापित किया गया। नए मंदिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने रामलला की आरती की।
इससे पहले नए मंदिर के शुद्धिकरण अनुष्ठान के लिए दिल्ली, काशी, मथुरा व प्रयागराज के 24 पंडित आए थे। प्रसिद्ध वैदिक आचार्य डॉक्टर कृति कांत शर्मा ने सोमवार से ही यह अनुष्ठान शुरू कर दिया था।
कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए इस दौरान भीड़ से बचने की कोशिश की गई थी।
इस क्रियाकलाप के समय योगीजी के ,रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास, ट्रस्ट के सदस्य राजा विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, सदस्य अनिल मिश्रा, ट्रस्ट के महासचिव चपंत राय, दिगंबर अखाड़े के महंत सुरेश दास और अवनीश अवस्थी मौजूद रहे।
फाइबर का नया मंदिर 24x17 वर्गफुट आकार के साढे तीन फुट ऊंचे चबूतरे पर स्थापित है। इसके शिखर की उंचाई 25 फुट है।
श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए तीन हिस्से पर करने होंगे जिसकी लंबाई मात्र 48 मीटर की होगी।
पूरे रास्ते में एलईडी बल्ब जगमग रहेंगे
फाइबर मंदिर की दीवारें मलेशिया की ओक लकड़ी से निर्मित हैं
सभी सनातनी व संघी साथियों को साधुवाद
मंगल कामनाओं के साथ सबका अभिनन्दन 🙏🙏
जय श्री राम
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