जब छोटे थे तो फिल्मी कलाकार और क्रिकेटर अलग ही दुनिया के लगते थे
उन्हें ही मानते थे नायक-नायिका और आदर्श
पहुंच से बाहर , कुछ पढ़ने को मिल गया और एक छवि बन गयी ,लेकिन आज नई तकनीक, नए माध्यम ,
लगता है धरती तो धरती ,ब्रह्मांड सिमट आया है आस-पास ..और जैसे मोह भंग हो गया 🙄
'दूर से सुहावने ढोल' जैसी ही बात है
हर जगह न सब बुरे होते हैं न ही सब अच्छे
लेकिन भारत जैसे सनातनी देश में बड़े-बड़े नाम वाले लोग कल चुप रहे 🤔
देश का इतना बड़ा दिन, सैंकड़ो वर्षों के संघर्ष के बाद #अयोध्या जगमग हुई तो मुँह पर धर्मनिरपेक्षता का ताला लग गया 😏😏
सब कुछ व्यवसायिक दृष्टिकोण से देखा जाता है
धर्मनिरपेक्षता के आवरण में लिपटे ,बड़े स्वार्थी लोग हैं
इस कथित धर्मनिरपेक्ष वर्ग का बहिष्कार करो😡
चाहे फिल्मी समाज हो , खेल जगत या कोई भी हो
सारे पाखंड और आदर्श पर्दे के लिए हैं
खोखले, पाखंडी लोग 😏😏
#जय_श्री_राम
#पाखंड
उपयोगी रचना।
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