Tuesday 4 August 2020

राम मंदिर आंदोलन

1990 में हिन्दू धर्म संगठनो ने जब कारसेवा का समय नियत किया तो अयोध्या को छावनी बना दिया गया था ।
सैंकड़ों किलोमीटर पहले ही सड़कों पर अवरोधक और पहरा था 
नाम की मुलायम सरकार का कठोर आदेश था कि अयोध्या में परिंदा भी पर न मारे
कार सेवक सरकार की कड़ी निगरानी में थे जिस पर भी संदेह हुआ पकड़ो और जेल में डालो
लेकिन हमारे कार सेवक अतिरिक्त उत्साह से भरे थे
देश भर से दो-दो, 3-3 के गुट में किसान वेश धर सीधा अयोध्या कोई नही पहुंचा ।  
हफ्तों पहले से छोटी-छोटी यात्रा कर कभी बस, ट्रेन और गांवों , खेतों के रास्ते सैंकड़ों मील पैदल चल कर अयोध्या पहुंचे
रास्ते में पड़ने वाले गांवों में सत्कार भी हुआ
उन्होंने खाना ,सोने का स्थान भी दिया
आखिर राम का प्रश्न था
देश की आत्मा का प्रश्न था
सब तो मुलायम नही थे
जिस दिन कारसेवा होनी थी
अयोध्या में तूफान से पहले की शांति थी  
9-10 बजे तक शहर शांत था , जगह-जगह अवरोधक लगे थे ,सरकार अपनी सफलता पर प्रसन्न हो रही थी
कि अचानक न जाने कहाँ से लाखों कार सेवक दिवंगत अशोक सिंघल जी के नेतृत्व में चौराहे पर पहुंच गए
इस आकस्मिक अवतरण से सभी भौंचक्के थे
जय श्री राम का उद्घोष अयोध्या को रोमांचित कर रहा था
समझ से परे था इतने लोग कहाँ से आये ??

और फिर जो हुआ दरिंदगी के पार था 
अश्रु गैस, लाठी चार्ज और गोली 
गोली चलाने वाले कपड़ों से सैनिक लग रहे थे, परन्तु थे नही !!
 वो मुलायम सरकार के गुर्गे थे जो राम भक्तों को निशाना बना कर मार रहे थे

अयोध्या में खूनी होली खेली गई 😥 अशोक जी भी घायल हो गए
उस समय TV नही था , रेडियो और समाचार पत्र ही माध्यम थे 
उड़ते-उड़ते कुछ सुना , कुछ नही
हाँ ये सब जान गए कि असंख्य राम भक्तों की बलि चढ़ गई है
कई शहरों में कर्फ्यू था 
विस्तार से पढा पांचजन्य में , जहां सब कुछ विस्तार से लिखा था और वो भी चोरी से बिक रहे थे
हमें मिले और हमने पढ़े भी 😥😥
चित्र भी देखे !!
सरयू नदी न जाने कितने मृतकों के जल प्रवाह की साक्षी बनी 🙏🙏
साध्वी और आंदोलन से जुड़े लोगों के भाषण के टेप प्रतिबंधित थे
किसी एक को कुछ मिल जाता तो लोग चोरी छिपे सुनते और साझा करते
लगता था जैसे अपने नही किसी और देश में हैं और बड़े अपराधी हैं 😡😡😡😡
याद है आज भी, एक भय बना रहता था शहरों में

समय एक सा नही रहता 
आज गौरव का दिन है परंतु यहाँ तक पहुंचने के लिए अथक परिश्रम और बलिदान दिया है लोगों ने
 असंख्य है जो नहीं है , बहुत हैं लेकिन लाचार हैं 
उन सबको नमन है
ये श्रद्धांजलि है इस आंदोलन के बलिदानियों के लिए
 🙏🙏
दुर्भावना से कुछ भी करने वाले विरोधियों को भी शुभकामनाएं
उनके विरोध ने संकल्प को और दृढ़ बनाया
5 अगस्त को कोरोना के कारण हम घर बैठे ही उस अद्भुत पल के साक्षी बनेंगे 🙏🙏
अयोध्या का बदलता रूप सुखद है

निर्माणाधीन मंदिर में एक ईंट अपनी माता श्री की ओर से लगा पाएं ये इच्छा है 
और सब समय और हरि पर निर्भर

#जय_श्री_राम
#श्री_राम_मंदिर_आंदोलन
#स्मृति

1 comment:

  1. बहुत सुन्दर। राम मन्दिर के शिलान्यास की बधाई हो।

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