कोरोना कविता
समाचार ,एक चीन से आया
महामारी ,कोरोना लाया
अदृश्य है, शत्रु छोटा सा
विश्व लगा ,रुकता-थमता सा
दूर रहो ,मत हाथ मिलाना
करो नमस्ते ,पास न जाना
हमले उसके ,बहुत बढ़ गए
बन्द सभी ,घर-घर में हो गए
खेल-कूद और पार्क छूट गया
दोस्तों का साथ रूठ गया
नया मित्र अब मास्क बन गया
दस्ताना भी खास बन गया
बहुत हुई उसकी मनमानी
हम बच्चों ने है अब ठानी
चेन तोड़नी ,घर पर रह कर
कुछ पढ़ कर और ,कुछ खा-पीकर
अपना ध्यान सभी को रखना,
बार-बार हाथों को धोकर
जल्द ही ,वो दिन आएगा
हर बच्चा मुस्कायेगा
बन्द घरों से हम निकलेंगे
बचपन खिलखिलायेगा
उछल-कूद, हम खूब करेंगे
जी भर कर हम गले मिलेंगे
पार्क हंसेंगे ,खिलखिला कर
कोरोना हार जाएगा
और डर कर भाग जाएगा
🤗🤗🤗🤗👏
#कोरोना
सार्थक और सुन्दर रचना।
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गणतन्त्र दिवस की पूर्वसंध्या पर हार्दिक शुभकामनाएँ।
🙏
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